Bettiah Waqf Protest: लाल, हरा और तिरंगा झंडा का जो संगम है हमें हौसला देतीं हैं- मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी

2 मई 2025 को बेतिया के बड़ा रमना मैदान में वक्फ कानून के विरोध में आयोजित महाजुटान में विभिन्न धर्मनिरपेक्ष संगठनों, राजनेताओं और मुस्लिम नेताओं ने भाग लिया। वक्ताओं ने वक्फ संशोधन कानून 2024 को संविधान विरोधी और सांप्रदायिक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की।

मुख्य बिंदु:

  1. मौलाना फैसल रहमानी ने कहा कि वक्फ कानून न सिर्फ मुस्लिमों बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करेगा, और इसे खत्म करना ज़रूरी है।
  2. विधायक वीरेंद्र गुप्ता ने वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों की नियुक्ति को गलत बताया और सरकार पर संविधान पर हमला करने का आरोप लगाया।
  3. सुनील कुमार राव ने कहा कि सरकार सर्वोच्च न्यायालय पर भी दबाव बना रही है और वक्फ कानून पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है।
  4. अफताब आलम ने कहा कि दिल्ली की सरकार संविधान और धार्मिक आज़ादी को खत्म करना चाहती है।
  5. सभा का संचालन इमारत ए शरिया के जिला सचिव ज़ाकिर बालिग़ ने किया और कई अन्य सामाजिक व राजनीतिक नेताओं ने भी इस कानून का विरोध किया
  6. वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल करना गलत - विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता

संविधान के बुनियादी चरित्र और इसमें निहित अल्पसंख्यकों के समानता के अधिकार पर एक कठोर हमला है- सुनील कुमार राव

वक्फ बोर्ड संशोधित कानून को रद्द करने की मांग पर इमारत ए शरिया, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर बेतिया बड़ा रमना मैदान में आयोजित महाजुटान को संबोधित करते हुए हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी साहब- (अमिर ए शरियत, इमारत -ए- शरिया (बिहार, उडीसा, झारखंड, बंगाल) ने कहा कि वक्फ़ का सवाल सिर्फ मुसलमानों का सवाल नहीं है बल्कि इस कानून के लागू होने से गैर मुसलमानों को भी काफी परीशानी होगी। 

हिंदुस्तान में चौदह सौ वर्षों से वक्फ ने बराबरी,भाइचारा और समाजवाद की अवधारणा कायम किया। उन्होंने बताया की वक्फ और समाजवाद दोनो बराबरी का दर्जा देते है।समाज मे छुआ छूत से उपर उठकर हर तबके के लोगो को गले लगाया है।अल्लाह के रास्ते मे मुस्लिम लोग अपनी जायदाद को वक्फ करते है। इसपर बनी स्कूल,कॉलेज, युनिवर्सिटी मे 85 फीसदी से ज्यादा गैर मुस्लिम के बच्चे तालीम हासिल करते है।

उन्होंने बताया की मौलाना मजहरुल हक विश्वविद्यालय के बीएड कॉलेज मे 85 से 90 फीसदी गैर मुस्लिम के बच्चे पढ़ते है।केंद्र की भाजपा सरकार वक्फ संशोधन बिल 2024 के तहत मुसलमानो के द्वारा वक्फ की गई जमीन को हड़पना चाहती है वक्फ कानून लागू होने से मुसलमानों के इदगाह, मस्जिद, कब्रिस्तान, जनाजागाह, दरगाह, यतीमखाना समेंत तमाम जमीनें छीन ली जाएगी । 

वर्तमान सरकार का जो भी फैसला हो रहा है वह देश के लिए सांप्रदायिक और विभाजनकारी है। मुसलमानों की पहचान मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस लड़ाई को मुसलमानों को मुकाम तक पहुचाना होगा। 

उन्होंने कहा हम अकेले नहीं है। हमारे साथ यहां गैर मुसलमानों की मौजुदगी हमारे हिम्मत को बढ़ा रही । यहां लाल, हरा और तिरंगा झंडा का जो संगम है और धर्मनिरपेक्ष सियासी पार्टियों की मौजूदगी है हमारे इस वक्फ कानून को खत्म करने में बड़ा भुमिका है। 

भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार हमारे संविधान और लोकतंत्र पर हमला कर रहीं हैं, संविधान को टुकड़े - टुकड़े में नहीं देखना चाहिए. दलितों, आदिवासियों, पिछडों का आरक्षण, लोगों के नागरिक अधिकार और अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी एक दूसरे से अलग नहीं हैं. 

इस बात को हमें समझ लेना होगा - वक्फ सिर्फ मुसलमानों का सवाल नहीं हैं. अलग-अलग भाषा, अलग-अलग धर्म में बंटकर नहीं देखना होगा. वक्फ का सवाल केवल मुसलमानों की जमीन का सवाल नहीं है, आनेवाले दिनों में सबकी जमीन छिनी जानेवाली हैं. जिस देश के प्रधानमंत्री अपनी डिग्री नहीं दिखा रहे, जनता से सैकड़ों वर्षों से काबिज जमीन का कागज माँगा जा रहा हैं.

आगे कहा कि वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल करना गलत है और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को यह बताना की वे हिन्दू हैं यह बेहद शर्मनाक है. और उससे भी शर्मनाक हैं उन पर देश में गृह युद्ध भड़काने का आरोप लगाना है- सुप्रीम कोर्ट को सुपर पार्लियामेंट बताकर उसकी खिल्ली उड़ाना है। देश में संविधान ने हमें जो अधिकार दियें हैं उसपर किसी भी किस्म के हमले के खिलाफ हम सबको एकजुट होकर खड़ा होना होगा। 

सभा को माले जिला कमिटी सदस्य सह अखिल भारतीय किसान महासभा जिला अध्यक्ष सुनील कुमार राव ने कहा कि वक्फ बोर्ड के सवाल पर सर्वोच्च नयायालय द्वारा खड़े किए गए सवालों ने सरकार की गहरी असहता को उजागर कर दिया है; वही भाजपा जगदीप धनखड़, निशिकांत दुबे और - उन जैसे लोगों ने इस मोहलत का इस्तेमाल करते हुए खुद सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ जहरीली मुहिम शुरू कर दी है. 

झारखंड के सांसद हर-हमेशा नफरत भड़काने वाले निशिकांत दुबे ने भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश को 'देश में तमाम गृह युद्धों' के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष और और इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अफताब आलम ने कहा कि वक्फ कानून संविधान,लोकतंत्र विरोधी कानून है । 

दिल्ली के हुक्मरान हमारे संविधान और धार्मिक आजादी को छीन लेना चाहते हैं। देश की आज़ादी के दौरान सभी लोगों ने अपनी कुर्बानी दिया है। उस कुर्बानी को हम खत्म नही होने देंगे। कार्यक्रम को आयोजन समिति के संयोजक फरहान राजा ने संबोधित करते हुए कहा वक्फ कानून हमारे पहचान को खत्म करने कानून है। यह देश बर्दाश्त नहीं करेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता और संचालन इमारत ए शरिया के जिला सचिव जाकिर बलिग ने किया। 

कार्यक्रम को विधान पार्षद अफाक अहमद, मशहूर समाजसेवी इरशाद हुसैन मुखिया,अबरार अहमद,शौकत अली, सादिक खां, इरशाद अख्तर दुलारे, कलाम जौहरी,अख्तर इमाम,असद देवराजी,कांग्रेस ,प्रमोद पटेल, साहेब हुसैन अंसारी, मुन्ना त्यागी, आदि ने भी अपनी बातें रखी.

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