22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की मौत के विरोध में, बेतिया के शहीद पार्क में महागठबंधन ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और कैंडल मार्च निकाला। नेताओं ने इस जघन्य कृत्य की निंदा करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और जनता से एकजुट होकर नफरत फैलाने वाली राजनीति का विरोध करने का आह्वान किया।
मुख्य बिंदु:
- बेतिया में महागठबंधन द्वारा आतंकी हमले के विरोध में कैंडल मार्च और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ।
- सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता सहित कई प्रमुख नेताओं ने मार्च का नेतृत्व किया।
- नेताओं ने कहा कि कश्मीर में हालात सामान्य होने के सरकारी दावे झूठे हैं।
- भाजपा पर हमला करते हुए कहा गया कि त्रासदी की आड़ में नफरत फैलाने का काम हो रहा है।
- नागरिकों से अपील की गई कि वे आतंकवाद और सांप्रदायिकता दोनों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।
- इस कठिन समय में विभाजनकारी राजनीति को एकजुट होकर नाकाम करें!- वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता
विस्तार में,
22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के खिलाफ बेतिया शहीद पार्क में महागठबंधन ने श्रद्धांजलि सभा कर शहर में कैंडल मार्च किया।
कैंडल मार्च का नेतृत्व भाकपा-माले केन्द्रीय कमिटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य सुनील कुमार राव, इंसाफ मंच जिला अध्यक्ष अखतर इमाम, भाकपा-माले नेता सुरेन्द्र चौधरी, जवाहर प्रसाद, राजद जिला प्रवक्ता प्रभु यादव, मुकेश यादव, भाकपा जिला मंत्री ओमप्रकाश कांति,साहेब, कॉंग्रेस जिला अध्यक्ष प्रमोद पटेल, पूर्व मूखिया इरसाद, माकपा जिला सचिव चांदसी यादव इंकलाबी नौजवान सभा जिला अध्यक्ष फरहान राजा, वीआइपी जिला अध्यक्ष विजय चौधरी सहित सैकड़ों महागठबंधन के कार्यकर्ता आदि ने किया।
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में 28 निर्दोष लोगों की मौत हुई और कई गंभीर रूप से घायल हुए। इस जघन्य हमले की कड़ी निंदा किया, तथा मृतकों के प्रति गहरी संवेदना और उनके परिजनों के प्रति एकजुटता प्रकट किया।
नेताओं ने कहा कि यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि कश्मीर में हालात सामान्य होने के सरकार के दावे खोखले हैं। आम नागरिकों, प्रवासी मजदूरों और अब पर्यटकों पर हो रहे हमले इस बात की गवाही देते हैं कि शांति और सुरक्षा की स्थिति बेहद चिंताजनक है। भारी सैन्य उपस्थिति और लोकतांत्रिक आवाजों के दमन के बावजूद, मोदी सरकार कश्मीर में आतंकी घटनाओं को रोकने में विफल रही है।
आगे कहा कि दुख की बात है कि इस त्रासदी की आड़ में भाजपा युद्धोन्माद और सांप्रदायिक नफरत फैलाने में जुट गई है। हमले के चंद घंटों बाद ही भाजपा के सोशल मीडिया हैंडल से विभाजनकारी कंटेंट प्रसारित किया गया—मृतकों का कार्टून बनाकर यह कहा गया कि "उन्होंने जाति नहीं, धर्म पूछकर गोली मारी"। जबकि सच्चाई यह है कि हमले में मारे गए लोगों में मुसलमान भी हैं।
ऐसे समय में जब सरकार को अपनी विफलता स्वीकार करनी चाहिए थी, भाजपा नफरत फैलाने के अपने घृणित एजेंडे में जुटी है। सुरक्षा में बार बार चूक और निर्दोष पर्यटकों की रक्षा में असफल केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जवाब देना होगा!
नागरिकों से आह्वान करतें हुए नेताओं ने कहा कि इस आतंकवादी घटना और उसके बहाने फैलाए जा रहे नफरत के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हो!
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