आदिवासियों की लगातार हो रही हत्याओं के खिलाफ आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने किया प्रतिवाद मार्च

बेतिया में आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने आदिवासियों की हो रही हत्याओं के खिलाफ़ राष्ट्रीय प्रतिवाद दिवस पर मार्च निकालकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। मोर्चा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कॉर्पोरेट हितों के लिए आदिवासियों को निशाना बना रही है और उनके जल, जंगल, जमीन को छीनने की साज़िश रच रही है।

मुख्य बिंदु:

  1. आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में आदिवासियों की हत्याओं के विरोध में प्रतिवाद मार्च निकाला।
  2. नन्दकिशोर महतो ने कहा कि 'ऑपरेशन खागर' के नाम पर आदिवासियों की हत्याएं, गिरफ्तारी और उत्पीड़न बढ़ा है।
  3. शंकर उरांव ने भाजपा पर कॉर्पोरेट के लिए प्राकृतिक क्षेत्रों को कब्जे में दिलाने का आरोप लगाया।
  4. शांतिपूर्ण विरोधों को नक्सलवाद कह कर आदिवासियों की आवाज़ दबाई जा रही है।
  5. कई स्थानीय नेताओं और संगठनों ने सभा को संबोधित कर सरकार की नीतियों की आलोचना की
  6. आदिवासियों से जल जंगल जमीन जबरन छीन रहीं भाजपा सरकार: नन्दकिशोर महतो
  7. प्राकृतिक समृद्ध क्षेत्रों पर कॉर्पोरेट का कब्ज़ा करवाने में लगीं है भाजपा: शंकर उरांव


विस्तार में,

बेतिया में आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने भाजपा द्वारा ऑपरेशन खागर (अंतिम मिशन) के तहत छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में आदिवासियों की लगातार हो रही हत्याओं के खिलाफ राष्ट्रीय प्रतिवाद दिवस के तहत मार्च कर जिलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन कर सभा किया। 

सभा को सम्बोधित करते हुए आदिवासी संघर्ष मोर्चा जिला अध्यक्ष नन्दकिशोर महतो ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए मार्च 2026 की समय सीमा तय की है, जिसके परिणामस्वरूप आदिवासी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सैन्य शिविर, सैन्यीकरण, राज्य द्वारा अराजकता, मनमानी गिरफ्तारी और अंधाधुंध हत्याएं हो रही हैं। 

आदिवासियों के जन संगठनों के शांतिपूर्ण और संवैधानिक विरोधों - चाहे वे सैन्य शिविरों के खिलाफ हों या आदिवासियों की बुनियादी स्वतंत्रता के लिए का भी अपराधीकरण किया जा रहा है। 

यह स्पष्ट है कि राज्य का प्रयास आदिवासियों को विस्थापित करना और इन प्राकृतिक समृद्ध क्षेत्रों पर कॉर्पोरेट का कब्ज़ा करवाना है। आदिवासी संघर्ष मोर्चा नवउदारवादी और कॉर्पोरेट समर्थक नीतियों के खिलाफ़ असहमति और प्रतिरोध के सभी स्वरों को दबाने की निंदा करता है और आदिवासियों के खिलाफ़ बढ़ती हिंसा और इस खनिज समृद्ध क्षेत्र की कॉर्पोरेट लूट को रोकने का आह्वान करता है।

आदिवासी संघर्ष मोर्चा के जिला सचिव शंकर उरांव ने कहा कि भाजपा प्राकृतिक समृद्ध क्षेत्रों को कॉर्पोरेट घराने का कब्ज़ा करवाने में लगीं है, इसके खिलाफ जो भी बोल रहा है उसे नक्सली बोल कर हत्या किया जा रहा है। 

भाजपा हर एक विरोध की आवाज को दबा रही है। इनके अलावा बलिराम उरांव, मदन चौधरी, रंजित उरांव, तपू महतो, शुभ नारायण महतो, छनू उरांव, मोतीराम दास, दिगा महतो, राजकुमार महतो, पलट महतो सहित भाकपा-माले नेता सुनील कुमार राव, सुरेन्द्र चौधरी, फरहान राजा आदि नेताओं ने भी सभा को सम्बोधित किया

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